A school, लंदन, 



एक स्कूल के प्लेग्राउन्ड में एक चार साल की बच्ची खड़ी हुई थी । वो बहुत प्यारी और मासूम दिख थी उस के लंबे, सीधे और काले बाल उस की सुंदरता को और बढ़ा रहे थे । उस ने भूरे रंग का टॉप पहना और matching check वाली skirt पहनी थी । 

लड़की की काली आँखें आंसुओं से भरी हुई थी । उस के गोरे चेहरे पर रोने की वजह से हल्की लालिमा या गई थी । उस के चेहरे पर मासूमियत और कोमलता साफ झलक रही थी । 

“How dare you touch श्री? How could you forget she is mine?” ,एक 9 साल का लड़का उस के सामने अपनी उम्र के दूसरे लड़के को पीटते हुए बोल रहा था । उस ने उस लड़के को मार मार कर खून निकाल दिया था । 



वो बच्चा आकर्षक दिख रहा था । उस के काले बाल उसके गुस्सेल चेहरे को और भी खूबसूरत बना रहे थे । उस ने काले रंग का "डिस्कवर एक्सपेडिशन" का टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहना हुआ था , जिस से उसका स्टाइलिश और कूल लुक झलक रहा था । उस ने गले में ब्लेडस वाला locket और सफेद हेडफोन पहने हुए थे ।  

उन के आस पास स्कूल के काफ बच्चे जमा हो गए थे । 

“सॉरी सॉरी अच्युत !” मार खाने वाला लड़का माफी मांगने की कोशिश करके उस से छूटने की कोशिश कर रहा था ।

लेकिन अच्युत उसे छोड़ ही नहीं रहा था । 

“स्टॉप अच्युत !!” एक टीचर ने वहाँ आकर चिल्लाते हुए गुस्से में कहा । 





कुछ देर बाद 

प्रिन्सपल ऑफिस में 



अच्युत और वो घायल लड़का प्रिन्सपल के सामने खड़ा हुआ था । 

अच्युत अभी भी गुस्से में था । प्रिन्सपल भी गुस्से में थी और उस के सामने एक औरत बैठी थी । उस के सामने एक 28 साल की औरत बैठी हुई थी जो की देखने में बेहद खूबसूरत थी । उस ने elegant सी ड्रेस पहनी हुई थी । श्री उस की बगल में कुर्सी पर बैठी हुई थी ।

“Miss त्रिवेणी भारद्वाज आप के बेटे की complaints बढ़ती जा रही है ।” ,प्रिन्सपल ने उस औरत को देखते हुए कहा । 

त्रिवेणी ने गुस्से में अच्युत को घूरते हुए पूछा, “अब इस ने इस ने क्या किया ।”

 



उस की बात का जवाब देते हुए प्रिंसिपल ने कहा, “इस ने फिर से झगड़ा किया । वजह हमेशा की तरह same है । आप की बेटी श्री ।”

ये सुन कर त्रिवेणी ने श्री को सहलाते हुए पूछा, “बच्चा तुम ठीक हो ना ।”

श्री ने मासूमियत से सिर हिलाया । त्रिवेणी ने उस को सीने से लगा लिया ।

श्री की आँखें नम हो गई ।

त्रिवेणी ने गुस्से में प्रिंसिपल से कहा, “आप को मेरे बच्चों का ध्यान रखने के लिए इतनी फीस देते हैं । मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अच्युत किसे मारता है या उसे मार पड़ती है । मुझे अपनी बेटी की आंख में एक भी आंसू नहीं देखना है । ये बात एडमिशन से पहले ही मैने आप को बताई थी । अगर आप को वो बात समझ नहीं आई तो मैं आप जैसे ना समझ लोगों के स्कूल में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाऊंगी ।”

उस ने श्री को गोद में उठा लिया । अच्युत ने घायल लड़के को देखते हुए गुस्से में कहा, “श्री मेरी जान है अगर किसी ने मेरी जान से खेलने की कोशिश की तो मैं उस की जान छीन लूंगा ।”

उस की बात सुन कर त्रिवेणी ने उस की बाजू को पकड़ कर खींचते हुए गुस्से में कहा, “अच्युत बस करो । चलो यहाँ से ।”

वो उसे खींचते हुए अपने साथ वहाँ से ले गई । 



शाम का वक्त 

एक बिल्डिंग के अपर्टमेंट में 


Kitchen में त्रिवेणी खाना बना रही थी । उस ने श्री को प्लेटफॉर्म पर बैठा रखा था । वो अपने हाथ में पकड़ी cookie खा रही थी । 

“बच्चा तुम्हें और खानी है ।” त्रिवेणी ने सवाल किया । श्री कोई जवाब देती उस से पहले ही अच्युत ने उस के हाथ में एक कुकी देते हुये कहा, “ये लो rose इसे खाओ ।” 

पर श्री उस को लेने से मना करने के लिए सिर हिला दिया । 

मैंने कहा खाओ rose!” अच्युत ने फिर से कहा । उस की इस हरकत को देख कर त्रिवेणी ने उस को देखते हुए कहा, “तुम ये क्या कर रहे हो?? उस ने मना किया ना तो फिर उस के साथ जबरदस्ती क्यों कर रहे हो ।”



अच्युत ने मुंह बनाते हुए कहा, “उसे ये पसंद है । वो ये खाना चाहती है ।”

“ये तुझे कैसे पता । तुम्हारे 150 iq का क्या तुम ऐसे use करते हो??” त्रिवेणी ने गुस्से में कहा । 

अच्युत ने सामने से ऐटिटूड  में जवाब देते हुए कहा, “वो मेरी है उसे कब क्या चीज चाहिए मुझे पता है ।”

“वो कोई खिलौना नहीं है । समझे तुम । उस के ऊपर अपनी जबरदस्ती मत थोपो । वो बोल नहीं सकती तो क्या तुम्हें समझ नहीं आता ।” ,त्रिवेणी ने उस को देखते हुए कहा । 

उस की बात सुन कर अच्युत ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “वो मेरी है । मेरे अलावा उसे कोई समझ नहीं सकता ।”

त्रिवेणी ने मन में कहा, “ये लड़का इतना जिद्दी क्यों है??”



5 साल बाद

9 साल की श्री अपने दोस्तों के साथ  मिल कर गुड़ियों से घर घर खेल रही थी । वो 3 दोस्त थी और इस पार्क में थे । 



“श्री मैं और ये दोनों husband wife है । तुम अकेली हो क्या तुम मेरे पति की गर्लफ्रेंड बनोगी ।”  उस की दोस्त ने कहा । मासूम श्री कुछ नहीं बोली । वो बस अपनी भोली भाली आँखों से उन को देख रही थी । तभी playground की दूसरी तरफ से एक बच्चा दौड़ते हुए वहाँ आया और श्री का हाथ पकड़ कर  बोला, “इसे क्या पूछना ये कौन सा बोल सकती है । इसे मैं अपनी पत्नी बना लेता लू । मैं तुम्हें kiss करके शादी कर लेता हूँ ।”

वो बच्चा उस के होंठों की तरफ अपने होंठों को बढ़ाने लगा । वो मना करना चाहती थी । लेकिन उस के ना बोल पाने की वजह से वो बस छूटने की कोशिश कर रही थी । 

तभी उस के मुंह पर किसी ने मुक्का मारा । जिस से वो दूर जाकर गिरा । जब उस ने सामने देखा तो वहाँ पर 14 साल का अच्युत खड़ा हुआ था । उसे देख कर सब बच्चे डर से कांप उठे । 

“ये सिर्फ मेरी है ।” ,अच्युत ने श्री का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए अपने होंठों उस के होंठों से जोड़ दिए । ये देख कर वो सब चौंक गए । उस ने दूसरे ही पल श्री के होंठों को छोड़ दिए और उसे वहाँ से अपने साथ ले गया ।



अच्युत का घर 

वो उसे घर के अंदर लेकर आया । घर में वो दोनों अकेले थे । उस ने श्री को कमरे में लाकर bed पर फेंक दिया । 



“श्री अब मैं कुछ ऐसा करने वाला हूँ । जिस से तुम बोलने लगोगी ।” ये बोलते हुए अच्युत उस के ऊपर झुकने लगा । श्री उस को मारने लगी । उस की आवाज पूरे घर में उन की आवाज आ रही थी । 

“तुम्हें थोड़ा दर्द होगा श्री । पर तुम बोलने लगोगी ।” अच्युत उस के दोनों हाथों को पकड़ कर उसे bedsheet पर सटाते हुए कहा ।

श्री उस से छूटने की कोशिश करते हुए चिल्ला रही थी । उस की कोशिश  को देख कर अच्युत ने गुस्से में कहा, “मुझे गुस्सा मत दिलाओ rose! मैं जो करूंगा it helps you rose!”

उस की आवाज घर में गूंज रही थीं । इधर त्रिवेणी अपने ऑफिस का काम खत्म करके घर आई थी । जैसे ही उस अपने अपार्टमेंट का दरवाजा खोला । उसी समय उस के कानों में श्री की आवाज पड़ी । 

“श्री !”



वो घबराते हुए बोली । 

जल्दी से दौड़ कर वो अपने बेटे के कमरे में गई । वहां का नजारा देखते ही उस के पैरों तले जमीन खिसक गई थी । उस ने चिल्लाते हुए कहा, “ये तुम क्या कर रहे हो अच्युत ।”

उस ने जल्दी से जाकर उन दोनों को अलग किया और श्री को कंबल ढक कर अपने सीने से लगाते हुए गुस्से में बोली, “बस्टर्ड तुम क्या कर रहे थे ।”

“Sex ! मैं जानता हूं ये बोल सकती है अगर sex करेगी ।” , अच्युत ने उस को देखते हुए गुस्से में कहा ।